नई पुस्तकें >> परिवार अखाड़ा परिवार अखाड़ाकृष्ण बलदेव वैद
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प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
कृष्ण बलदेव वैद ने अपने उपन्यास तथा नाटक दोनों ही से हिन्दी साहित्य में एक नयी परम्परा की शुरूआत की है। वास्तविक जिन्दगी से उठायी गयी स्थितियों का उनका विश्लेषण तथा प्रस्तुति दोनों ही अपनी तरह को अलग और चुनौतीपूर्ण हैं। ‘भूख आग है’, ‘हमारी बुढ़िया’ और ‘सवाल और स्वप्न है की सफलता के बाद अब उनका यह एक और नया नाटक ‘परिवार अखाडा’ लेखन और मंचन दोनों ही दृष्टी से एक नया प्रयोग है।
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